मानव ने अपने रहन-सहन खान-पान और सभ्यता में आदिकाल से ही खोज करके विकास किया है फिर इस में पाषाण युग हो या ताम्र युग मानव अपनी सुविधाओं के लिए हर काल में एक उच्च सुविधा के लिए हमेशा ही खोज करता रहा है इसका परिणाम आज का मशीनरी वे एक कंप्यूटर युग आज में हमें सभी की सुविधाओ को कई गुना बड़ा दिया है इसमें बैंकिंग लेखा-जोखा जैसे अनेकों कार्य सरल हो गए वर्तमान के वैज्ञानिक युग में मानव को चांद वे मंगल तक पहुंचा दिया इसी के साथ अल्प बुद्धि के कारण इस मानव ने अपने खात्मे का का पूरा इंतजाम परमाणु बम बना कर दिया आधुनिकता की दौड़ में इस मानव ने कई बीमारियों को जन्म दिया जिनका इलाज मानव के पास उपलब्ध नहीं है
मानव आधिकाल से ही अपनी सुख-सुविधाओं के लिए अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करता आया है परंतु यह मानव कि भूल है कि मानव ने आज की कंप्यूटर सैटलाइट मोबाइल आज के मानव ने बनाएं यह भारी भूल मनुष्य की लगी हुई है क्योंकि अगर मनुष्य इस वस्तुओं को बनाने में सक्षम होता तो चार युग बीत गए तब तक तो किसी मनुष्य ने यह नहीं बनाई इसीलिए यह गॉड गिवन वस्तु है भगवान की दी हुई बुद्धि से ही हम यह वस्तुएं बना सकते हैं और उसी प्रभु की बुद्धि से आज का मानव इस आधुनिक मशीनरी युग को बनाने में सफल हुआ है परंतु कुछ लोगों की यह सोच है कि विज्ञान ने किया है विज्ञान भी उस परमेश्वर ने ही बनाई इसकी जानकारी हमारे पवित्र सद ग्रंथों में विद्यमान हैअगर सब कुछ मानव बुद्धि से निर्मित होता है तो आज का मानव क्यों नहीं कैंसर एड्स जैसी खतरनाक बीमारियों की दवाई खोज पाया और हम देखते हैं रामायण और महाभारत में की एक रथ के 6, 6 घोड़े जोड़कर खींचा करते थे उनके पास यह तकनीक नहीं थी क्योंकि यह गॉड गिवन सुविधाएं वर्तमान काल में प्रभु ने देना उचित समझा इसीलिए परमेश्वर द्वारा दी हुई सुविधाएं उसको कोई वैज्ञानिक या मानव यह ने सोच बैठे की विज्ञान ने बनाई
वर्तमान समय में विज्ञान ने बहुत ही तरक्की करके मोबाइल सैटलाइट टीवी आदि यंत्र बनवाएं यह परमेश्वर द्वारा मनुष्य को दिया गया एक बेहतरीन तोहफा है जिससे वह दूर देश में बैठा अपने देश का हाल-चाल जान सकता है यह साधन प्रभु ने इसी वक्त के लिए देना उचित समझा क्योंकि यह अभी भक्ति युक्त चलने वाला है जिसकी आज दिन तक किसी को पता ही नहीं थी जबकि पूर्ण परमेश्वर कबीर साहिब ने 600 वर्ष पहले जब काशी में सशरीर आए थे तब अपनी सूक्ष्म वेद में इन सभी तरह के ज्ञान की जानकारी देकर गए थे जिसको आज पूर्ण संत रामपाल जी महाराज हम सभी से रूबरू करा रहे हैं जो इस प्रभु प्रदेश ज्ञान को समझ रहा है वह तो परमेश्वर की शरण में आकर उनकी कृपा प्राप्त करके अपने जीवन को सफल बना रहा है जो अपनी मान बड़ाई में बैठा हुआ है वह अपने अनमोल मनुष्य जीवन को व्यर्थ खो रहा हैक्योंकि पूर्ण सुख तथा संपूर्ण सुविधाएं केवल पूर्ण परमेश्वर के सिवा और कोई नहीं दे सकता ना विज्ञान ना मानव की बुद्धि यह सब सीमित है
मानव ने तो अपनी बुद्धि से अपने उत्थान की जगह अपना पतन ही कर दिया है जिसको आप परमाणु युद्ध की धमकी देने वाले देशों को देखकर उस परमाणु बम के परिणाम की कल्पना से ही मनुष्य सिहर उठता है अगर मनुष्य अपने जीवन को सुखमय बनाना चाहे तो पूर्ण संत रामपाल जी महाराज से आध्यात्मिक ज्ञान को समझकर मानव समाज का कल्याण करवा सकता है परमेश्वर ने बुद्धि वे शिक्षा भी इसी अनमोल आध्यात्मिक ज्ञान को समझने के लिए हम तुच्छ जीवो को बख्शी है मनुष्य जीवन का पूर्ण उत्थान वे मानव समाज का कल्याण सिर्फ आध्यात्मिक ज्ञान से ही संभव है
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