शिक्षा मानव जीवन की बहुत ही अनमोल धरोहर होती है जिससे व्यक्ति अपने जीवन के स्तर को भी उच्च बना सकता है ऐसे महत्वपूर्ण वह अनिवार्य मुद्दे को सरकारे नजरअंदाज कर रही है जिससे हमारे देश की सरकारी स्कूल में दी जाने वाली शिक्षा का स्तर बहुत ही निम्न स्तर का है क्योंकि हमारे स्कूलों में बच्चों को संस्कारों ,
मर्यादा रहन सहन खानपान आदि महत्वपूर्ण बिंदुओं की शिक्षा नहीं दी जाती है हमारी स्कूलों की शिक्षा के पाठ्यक्रमों में भी हमारे नेता लोग राजनीति करके अनावश्यक वस्तुएं पढ़ाने को देते हैं जो उस बच्चे के भविष्य में कभी काम नहीं आएगी राजनेता अपनी उनकी सोच की वजह से ऐसी नीर उपयोगी वस्तुएं पढ़ाते हैं जिनका मनुष्य जीवन में कहीं कोई उपयोग नहीं होता इसी क्रम में हम बता देते हैं कि पूरे विश्व में भारतीय शिक्षा को निम्न स्तर में दूसरा नंबर प्राप्त है यह भी उसी का एक उदाहरण है क्योंकि बच्चों को वहीं शिक्षा दी जानी चाहिए जो उसके आगे चलकर कहीं काम आवे इसमें नैतिकता का समावेश भी नहीं है शिक्षा में किए जाने वाले महत्वपूर्ण बदलाव मैं से एक नैतिकता भी है
बच्चे भारत का भविष्य बताएं जो आगे चलकर नेता मंत्री अधिकारी सभी इन्हीं शिक्षा प्राप्त करने वाले नन्हे-मुन्ने बच्चों से ही आते हैं इनको अगर नैतिकता सामाजिकता भ्रष्टाचार इन सारे बिंदुओं को अच्छी तेरे से समझा कर तैयार किया जाए कि यह अपने जीवन में इन सभी हिना भावो से दूर रहे तो उनको हमें स्कूलों में ही अच्छे से शिक्षा देकर तैयार करके अच्छे नेता अच्छे अधिकारी बना सकते हैं बच्चे कोरे कागज होते हैं उनको जो अभी शिक्षा दी जाती है उसी आधार पर वह अपना जीवन को आगे बढ़ाते हैं बच्चों को अच्छे संस्कार देख उनके स्वभाव को सुश्री वाला बना सकते हैं जिससे हमें भविष्य में सभी सामाजिक व्यक्ति उच्च संस्कारों वाले होंगे जिससे हमारे नेता हमारा देश को बहुत ऊंचाइयों तक ले जाएंगे अच्छे अधिकारी हमारे यहां व्यवस्था को दुरुस्त करके सभी को समान अधिकार दे कर सारी सामाजिक बुराइयों को खत्म करेंगे
मर्यादा रहन सहन खानपान आदि महत्वपूर्ण बिंदुओं की शिक्षा नहीं दी जाती है हमारी स्कूलों की शिक्षा के पाठ्यक्रमों में भी हमारे नेता लोग राजनीति करके अनावश्यक वस्तुएं पढ़ाने को देते हैं जो उस बच्चे के भविष्य में कभी काम नहीं आएगी राजनेता अपनी उनकी सोच की वजह से ऐसी नीर उपयोगी वस्तुएं पढ़ाते हैं जिनका मनुष्य जीवन में कहीं कोई उपयोग नहीं होता इसी क्रम में हम बता देते हैं कि पूरे विश्व में भारतीय शिक्षा को निम्न स्तर में दूसरा नंबर प्राप्त है यह भी उसी का एक उदाहरण है क्योंकि बच्चों को वहीं शिक्षा दी जानी चाहिए जो उसके आगे चलकर कहीं काम आवे इसमें नैतिकता का समावेश भी नहीं है शिक्षा में किए जाने वाले महत्वपूर्ण बदलाव मैं से एक नैतिकता भी है
बच्चे भारत का भविष्य बताएं जो आगे चलकर नेता मंत्री अधिकारी सभी इन्हीं शिक्षा प्राप्त करने वाले नन्हे-मुन्ने बच्चों से ही आते हैं इनको अगर नैतिकता सामाजिकता भ्रष्टाचार इन सारे बिंदुओं को अच्छी तेरे से समझा कर तैयार किया जाए कि यह अपने जीवन में इन सभी हिना भावो से दूर रहे तो उनको हमें स्कूलों में ही अच्छे से शिक्षा देकर तैयार करके अच्छे नेता अच्छे अधिकारी बना सकते हैं बच्चे कोरे कागज होते हैं उनको जो अभी शिक्षा दी जाती है उसी आधार पर वह अपना जीवन को आगे बढ़ाते हैं बच्चों को अच्छे संस्कार देख उनके स्वभाव को सुश्री वाला बना सकते हैं जिससे हमें भविष्य में सभी सामाजिक व्यक्ति उच्च संस्कारों वाले होंगे जिससे हमारे नेता हमारा देश को बहुत ऊंचाइयों तक ले जाएंगे अच्छे अधिकारी हमारे यहां व्यवस्था को दुरुस्त करके सभी को समान अधिकार दे कर सारी सामाजिक बुराइयों को खत्म करेंगे
वर्तमान में शिक्षा को उन्नत वह जीवन उपयोगी बनाने के लिए वर्तमान सरकारों को ध्यान देना चाहिए जिससे बच्चों का भविष्य उज्जवल होगा तो देश का भविष्य उज्जवल होगा शिक्षा में नैतिकता तथा सामाजिक गुणों का समावेश करना अति आवश्यक है इन सब के साथ साथ आध्यात्मिकता का समावेश करना भी अति आवश्यक है जिससे हमारे बच्चों को गलत कार्यों का परिणाम पता हो तो कोई भी व्यक्ति गलत कार्य नहीं करेगा और हमारे स्वच्छ समाज का निर्माण होगा जैसे वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज आध्यात्मिक ज्ञान के प्रभाव से एक स्वच्छ मानव समाज का निर्माण कर रहे हैं जो भ्रष्टाचार रिश्वतखोर दहेज प्रथा नशा मुक्त समाज का निर्माण कर रहे हैं जो बुराइयों से कोसों दूर है अंत में यही कहेंगे कि संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई सच्ची आध्यात्मिक ज्ञान को वर्तमान की शिक्षा पद्धति से जोड़ देना चाहिए जिससे हमारा मानव समाज एकदम स्वच्छ बने संत रामपाल जी महाराज के बारे में जानने के लिए इस लिंक पर विजिट करे wwwjagatgururampalji.org
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