नाग पूजा कितने लाभदायक है
नागपंचमी की कथा का जिक्र करते हुए भविष्यपुराण के पंचमी कल्प में नाग पूजा, नागों की उत्पत्ति और उनके द्वारा पंचमी तिथि को खास बनाए जाने के कारण का जिक्र कहा गया है। दरअसल जब सागर मंथन हुआ था तब माता की आज्ञा ना मानने के कारण इन्हें शाप मिला की राजा जनमेजय के यज्ञ में जलकर तुम सभी भस्म हो जाओगे। तब घबराए हुए नाग ब्राह्माजी की शरण में पहुंचे। ब्रह्माजी ने इन्हें बताया कि जब नागवंश में महात्मा जरत्कारू के पुत्र आस्तिक होंगे वह आप सभी की रक्षा करेंगे। जिस दिन ब्रह्माजी ने नागो को रक्षा का उपाय बताया था वह पंचमी तिथि थी। आस्तिक मुनि ने सावन की पंचमी को ही नागों को यज्ञ में जलने से बचाया और इनके ऊपर दूध डालकर जलते हुए शरीर को शीतलता प्रदान किया। इस समय ही नागों ने आस्तिक मुनि से कहा कि पंचमी को जो भी मेरी पूजा करेगा उसे नागदंश का भय नहीं रहेगा। तब से पंचमी तिथि के दिन नागों की पूजा की जाती है।
इस स्वतंत्रता से इतना तो हमें देखने को मिला ही है कि पहले के ऋषि मुनि जीवो को बचाने में कितनी दिलचस्पी रखते थे इस दंतकथा के आधार पर नाग पंचमी शुरू हुई हो तो इससे तो यही कहा जाएगा नाग जनता को डराकर पुजवा रहे हैं
इस स्वतंत्रता से इतना तो हमें देखने को मिला ही है कि पहले के ऋषि मुनि जीवो को बचाने में कितनी दिलचस्पी रखते थे इस दंतकथा के आधार पर नाग पंचमी शुरू हुई हो तो इससे तो यही कहा जाएगा नाग जनता को डराकर पुजवा रहे हैं
भारत में अंध श्राद्ध चरम पर
हमारे देश में अंधविश्वास चरम पर है अंधविश्वास के चलते नागों को पूजने की परंपरा शुरू हुई है जबकि ऐसा एक भी केस देखने में नहीं आया कि नाग पूजा से इन लोगों को कोई सुख सुविधा या कोई कार्य हुआ हो यह तो सिर्फ उन ऋषियों द्वारा सर्पों की प्रजाति को बचाने के लिए किया गया एक प्रयास को त्योहार के रूप में परिवर्तित हमारे देश के प्रतिष्ठित ब्राह्मण जो जनता को गलत रास्ता दिखाते हैं ने कर दिया इस अंधविश्वास को तोड़ने के लिए हमें प्रमाण की जरूरत होगी
भारत की जनता की आस्था का दुरुपयोग खूब हो रहा है इस अंधविश्वास पर भारत में हुए कबीर साहिब जी ने कटाक्ष किया
यथार्थ ताकि जानकारी दी वेदों पुराणों गीता जी में वर्णित पूजा की विधि से अवगत कराया तथा पत्र पूजा में मूर्ति पूजा के खंडन करके इस भोली जनता को सन्मार्ग बताने की कोशिश की उस समय भारत मैं जनता शिक्षित नहीं होने से ज्ञानियों गुरुओं का दाग लग गया और जनता को कबीर साहेब द्वारा बताइए सच्चाई झूठा बताया परमेश्वर कबीर साहेब द्वारा लिखित कबीर सागर को वर्तमान में सच्चे गुरु रामपाल जी महाराज द्वारा भारत की जनता को सरल व आसान भाषा में सत्संग के माध्यम से तथा पुस्तकों के माध्यम से उस वेदों पुराणों गीता जी में वर्णित सच्ची शास्त्र अनुकूल भक्ति से अवगत करा रहे हैं आज की शिक्षित जनता उस सच्चाई को अपने मूल शास्त्रों में देखकर उस पर गौर फरमाएं जिससे कि हम अंधविश्वास से बच सकें और इस मनुष्य जन्म के मूल उद्देश्य को जानकर जन्म मरण के चक्कर से मुक्त हो सकें अधिक जानकारी के लिए आप जरूर देखें साधना टीवी शाम 7:30 से 8:30 हमेशा
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