Sunday, May 31, 2020
Wednesday, May 20, 2020
मानव का उत्थान
मानव ने अपने रहन-सहन खान-पान और सभ्यता में आदिकाल से ही खोज करके विकास किया है फिर इस में पाषाण युग हो या ताम्र युग मानव अपनी सुविधाओं के लिए हर काल में एक उच्च सुविधा के लिए हमेशा ही खोज करता रहा है इसका परिणाम आज का मशीनरी वे एक कंप्यूटर युग आज में हमें सभी की सुविधाओ को कई गुना बड़ा दिया है इसमें बैंकिंग लेखा-जोखा जैसे अनेकों कार्य सरल हो गए वर्तमान के वैज्ञानिक युग में मानव को चांद वे मंगल तक पहुंचा दिया इसी के साथ अल्प बुद्धि के कारण इस मानव ने अपने खात्मे का का पूरा इंतजाम परमाणु बम बना कर दिया आधुनिकता की दौड़ में इस मानव ने कई बीमारियों को जन्म दिया जिनका इलाज मानव के पास उपलब्ध नहीं है
मानव आधिकाल से ही अपनी सुख-सुविधाओं के लिए अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करता आया है परंतु यह मानव कि भूल है कि मानव ने आज की कंप्यूटर सैटलाइट मोबाइल आज के मानव ने बनाएं यह भारी भूल मनुष्य की लगी हुई है क्योंकि अगर मनुष्य इस वस्तुओं को बनाने में सक्षम होता तो चार युग बीत गए तब तक तो किसी मनुष्य ने यह नहीं बनाई इसीलिए यह गॉड गिवन वस्तु है भगवान की दी हुई बुद्धि से ही हम यह वस्तुएं बना सकते हैं और उसी प्रभु की बुद्धि से आज का मानव इस आधुनिक मशीनरी युग को बनाने में सफल हुआ है परंतु कुछ लोगों की यह सोच है कि विज्ञान ने किया है विज्ञान भी उस परमेश्वर ने ही बनाई इसकी जानकारी हमारे पवित्र सद ग्रंथों में विद्यमान हैअगर सब कुछ मानव बुद्धि से निर्मित होता है तो आज का मानव क्यों नहीं कैंसर एड्स जैसी खतरनाक बीमारियों की दवाई खोज पाया और हम देखते हैं रामायण और महाभारत में की एक रथ के 6, 6 घोड़े जोड़कर खींचा करते थे उनके पास यह तकनीक नहीं थी क्योंकि यह गॉड गिवन सुविधाएं वर्तमान काल में प्रभु ने देना उचित समझा इसीलिए परमेश्वर द्वारा दी हुई सुविधाएं उसको कोई वैज्ञानिक या मानव यह ने सोच बैठे की विज्ञान ने बनाई
वर्तमान समय में विज्ञान ने बहुत ही तरक्की करके मोबाइल सैटलाइट टीवी आदि यंत्र बनवाएं यह परमेश्वर द्वारा मनुष्य को दिया गया एक बेहतरीन तोहफा है जिससे वह दूर देश में बैठा अपने देश का हाल-चाल जान सकता है यह साधन प्रभु ने इसी वक्त के लिए देना उचित समझा क्योंकि यह अभी भक्ति युक्त चलने वाला है जिसकी आज दिन तक किसी को पता ही नहीं थी जबकि पूर्ण परमेश्वर कबीर साहिब ने 600 वर्ष पहले जब काशी में सशरीर आए थे तब अपनी सूक्ष्म वेद में इन सभी तरह के ज्ञान की जानकारी देकर गए थे जिसको आज पूर्ण संत रामपाल जी महाराज हम सभी से रूबरू करा रहे हैं जो इस प्रभु प्रदेश ज्ञान को समझ रहा है वह तो परमेश्वर की शरण में आकर उनकी कृपा प्राप्त करके अपने जीवन को सफल बना रहा है जो अपनी मान बड़ाई में बैठा हुआ है वह अपने अनमोल मनुष्य जीवन को व्यर्थ खो रहा हैक्योंकि पूर्ण सुख तथा संपूर्ण सुविधाएं केवल पूर्ण परमेश्वर के सिवा और कोई नहीं दे सकता ना विज्ञान ना मानव की बुद्धि यह सब सीमित है
मानव ने तो अपनी बुद्धि से अपने उत्थान की जगह अपना पतन ही कर दिया है जिसको आप परमाणु युद्ध की धमकी देने वाले देशों को देखकर उस परमाणु बम के परिणाम की कल्पना से ही मनुष्य सिहर उठता है अगर मनुष्य अपने जीवन को सुखमय बनाना चाहे तो पूर्ण संत रामपाल जी महाराज से आध्यात्मिक ज्ञान को समझकर मानव समाज का कल्याण करवा सकता है परमेश्वर ने बुद्धि वे शिक्षा भी इसी अनमोल आध्यात्मिक ज्ञान को समझने के लिए हम तुच्छ जीवो को बख्शी है मनुष्य जीवन का पूर्ण उत्थान वे मानव समाज का कल्याण सिर्फ आध्यात्मिक ज्ञान से ही संभव है
Thursday, May 14, 2020
Bad education
शिक्षा मानव जीवन की बहुत ही अनमोल धरोहर होती है जिससे व्यक्ति अपने जीवन के स्तर को भी उच्च बना सकता है ऐसे महत्वपूर्ण वह अनिवार्य मुद्दे को सरकारे नजरअंदाज कर रही है जिससे हमारे देश की सरकारी स्कूल में दी जाने वाली शिक्षा का स्तर बहुत ही निम्न स्तर का है क्योंकि हमारे स्कूलों में बच्चों को संस्कारों ,
मर्यादा रहन सहन खानपान आदि महत्वपूर्ण बिंदुओं की शिक्षा नहीं दी जाती है हमारी स्कूलों की शिक्षा के पाठ्यक्रमों में भी हमारे नेता लोग राजनीति करके अनावश्यक वस्तुएं पढ़ाने को देते हैं जो उस बच्चे के भविष्य में कभी काम नहीं आएगी राजनेता अपनी उनकी सोच की वजह से ऐसी नीर उपयोगी वस्तुएं पढ़ाते हैं जिनका मनुष्य जीवन में कहीं कोई उपयोग नहीं होता इसी क्रम में हम बता देते हैं कि पूरे विश्व में भारतीय शिक्षा को निम्न स्तर में दूसरा नंबर प्राप्त है यह भी उसी का एक उदाहरण है क्योंकि बच्चों को वहीं शिक्षा दी जानी चाहिए जो उसके आगे चलकर कहीं काम आवे इसमें नैतिकता का समावेश भी नहीं है शिक्षा में किए जाने वाले महत्वपूर्ण बदलाव मैं से एक नैतिकता भी है
बच्चे भारत का भविष्य बताएं जो आगे चलकर नेता मंत्री अधिकारी सभी इन्हीं शिक्षा प्राप्त करने वाले नन्हे-मुन्ने बच्चों से ही आते हैं इनको अगर नैतिकता सामाजिकता भ्रष्टाचार इन सारे बिंदुओं को अच्छी तेरे से समझा कर तैयार किया जाए कि यह अपने जीवन में इन सभी हिना भावो से दूर रहे तो उनको हमें स्कूलों में ही अच्छे से शिक्षा देकर तैयार करके अच्छे नेता अच्छे अधिकारी बना सकते हैं बच्चे कोरे कागज होते हैं उनको जो अभी शिक्षा दी जाती है उसी आधार पर वह अपना जीवन को आगे बढ़ाते हैं बच्चों को अच्छे संस्कार देख उनके स्वभाव को सुश्री वाला बना सकते हैं जिससे हमें भविष्य में सभी सामाजिक व्यक्ति उच्च संस्कारों वाले होंगे जिससे हमारे नेता हमारा देश को बहुत ऊंचाइयों तक ले जाएंगे अच्छे अधिकारी हमारे यहां व्यवस्था को दुरुस्त करके सभी को समान अधिकार दे कर सारी सामाजिक बुराइयों को खत्म करेंगे
मर्यादा रहन सहन खानपान आदि महत्वपूर्ण बिंदुओं की शिक्षा नहीं दी जाती है हमारी स्कूलों की शिक्षा के पाठ्यक्रमों में भी हमारे नेता लोग राजनीति करके अनावश्यक वस्तुएं पढ़ाने को देते हैं जो उस बच्चे के भविष्य में कभी काम नहीं आएगी राजनेता अपनी उनकी सोच की वजह से ऐसी नीर उपयोगी वस्तुएं पढ़ाते हैं जिनका मनुष्य जीवन में कहीं कोई उपयोग नहीं होता इसी क्रम में हम बता देते हैं कि पूरे विश्व में भारतीय शिक्षा को निम्न स्तर में दूसरा नंबर प्राप्त है यह भी उसी का एक उदाहरण है क्योंकि बच्चों को वहीं शिक्षा दी जानी चाहिए जो उसके आगे चलकर कहीं काम आवे इसमें नैतिकता का समावेश भी नहीं है शिक्षा में किए जाने वाले महत्वपूर्ण बदलाव मैं से एक नैतिकता भी है
बच्चे भारत का भविष्य बताएं जो आगे चलकर नेता मंत्री अधिकारी सभी इन्हीं शिक्षा प्राप्त करने वाले नन्हे-मुन्ने बच्चों से ही आते हैं इनको अगर नैतिकता सामाजिकता भ्रष्टाचार इन सारे बिंदुओं को अच्छी तेरे से समझा कर तैयार किया जाए कि यह अपने जीवन में इन सभी हिना भावो से दूर रहे तो उनको हमें स्कूलों में ही अच्छे से शिक्षा देकर तैयार करके अच्छे नेता अच्छे अधिकारी बना सकते हैं बच्चे कोरे कागज होते हैं उनको जो अभी शिक्षा दी जाती है उसी आधार पर वह अपना जीवन को आगे बढ़ाते हैं बच्चों को अच्छे संस्कार देख उनके स्वभाव को सुश्री वाला बना सकते हैं जिससे हमें भविष्य में सभी सामाजिक व्यक्ति उच्च संस्कारों वाले होंगे जिससे हमारे नेता हमारा देश को बहुत ऊंचाइयों तक ले जाएंगे अच्छे अधिकारी हमारे यहां व्यवस्था को दुरुस्त करके सभी को समान अधिकार दे कर सारी सामाजिक बुराइयों को खत्म करेंगे
वर्तमान में शिक्षा को उन्नत वह जीवन उपयोगी बनाने के लिए वर्तमान सरकारों को ध्यान देना चाहिए जिससे बच्चों का भविष्य उज्जवल होगा तो देश का भविष्य उज्जवल होगा शिक्षा में नैतिकता तथा सामाजिक गुणों का समावेश करना अति आवश्यक है इन सब के साथ साथ आध्यात्मिकता का समावेश करना भी अति आवश्यक है जिससे हमारे बच्चों को गलत कार्यों का परिणाम पता हो तो कोई भी व्यक्ति गलत कार्य नहीं करेगा और हमारे स्वच्छ समाज का निर्माण होगा जैसे वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज आध्यात्मिक ज्ञान के प्रभाव से एक स्वच्छ मानव समाज का निर्माण कर रहे हैं जो भ्रष्टाचार रिश्वतखोर दहेज प्रथा नशा मुक्त समाज का निर्माण कर रहे हैं जो बुराइयों से कोसों दूर है अंत में यही कहेंगे कि संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई सच्ची आध्यात्मिक ज्ञान को वर्तमान की शिक्षा पद्धति से जोड़ देना चाहिए जिससे हमारा मानव समाज एकदम स्वच्छ बने संत रामपाल जी महाराज के बारे में जानने के लिए इस लिंक पर विजिट करे wwwjagatgururampalji.org
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