5 जून 2020 कबीर साहेब प्रकट दिवस
कबीर परमेश्वर जी ने शास्त्र विरूद्ध साधकों द्वारा फैलाए अज्ञान को अपने शास्त्र अनुकूल ज्ञान से खत्म करने के लिए कबीर परमेश्वर ने 120 वर्ष लीलाय की अंतिम दिलाएं परमेश्वर कबीर जी ने मगहर मैं की जहां पर ब्राह्मणों पंडितों ने एक क्रांति फैला रखी थी कि जो मगर में मरेगा वह सीधा गधा बनेगा परमेश्वर कबीर साहिब ने इस अज्ञान को मिटाने के काशी के पंडितों को साथ लिया और स्वयं मगहर से अपने निजी लोक जाने की लीला की
प्रभु ने मगहर में एक आमनी नामक नदी जो भगवान शंकर के श्राप से सूख चुकी थी उसमें फिर से जल प्रवाहित किया जिससे मगर के लोगों में खुशी छा गई और परमेश्वर जब अपने लोग को चलने लगे तब उन्होंने एक चद्दर नीचे बिछाई तथा दूसरी चद्दर ऊपर ओढ़ कर परमेश्वर अपने निज लोग को गमन करने लगे और आकाशवाणी की पंडितों अपनी पोती पढ़ कर बताना में स्वर्ग से भी ऊपर सतलोक जा रहा हूं परमेश्वर के जाने के उपरांत मघहर का नवाब बिजली खान पठान तथा काशी नरेश वीर देव सिंह बघेल परमेश्वर कबीर के पार्थिव शरीर के लिए झगड़ने के लिए तैयार हो गए तब परमेश्वर ने आकाशवाणी की और कहा कि मूर्खों मैंने आपको जीवन भर क्या यही जान दिया जो आप जग रहे हो और रही बात पार्टी शरीर की तो इसमें आपको शरीर नहीं मिलेगा जो वस्तु मिले उसको आधा-आधा बांट लेना
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